बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी को बर्खास्त किया जाना चाहिए : समाजसेवी मोहन कुमार


जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 30 अगस्त ::

एक जाति विशेष को टारगेट कर  प्रतिक्रिया देने पर अरवल जिले के सामाजिक कार्यकर्ता सह पूर्व प्रत्याशी अरवल विधानसभा क्षेत्र मोहन कुमार ने ने विरोध किया है।

मोहन कुमार ने बताया कि जहानाबाद जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ता सम्मेलन में सरकार के संवैधानिक पद पर बैठे अशोक चौधरी ने एक जाति विशेष (भूमिहार) को टारगेट कर  वक्तव्य दिया है, जो उनकी तुच्छ मानसिकता को दर्शाता है।  ऐसा लगता है कि वे बिल्कुल ही मानसिक दिवालियापन के शिकार हो गए हैं।

उन्होंने कहा है अशोक चौधरी के बयान से वहां उपस्थित संबंधित जाति के लोग आश्चर्य चकित हो रहे थे कि सरकार के प्रतिनिधि के रूप में आए व्यक्ति कैसे एक जाति विशेष के प्रति अपना रोश प्रकट कर रहे हैं, वह भी ऐसे मुद्दे को लेकर (आम चुनाव में मतदान) जिसमें किसी प्रकार से कोई जबरदस्ती नहीं किया जा सकता है। जहां संविधान भी प्रत्येक नागरिक को अपने मताधिकार का प्रयोग, अपनी मर्जी से करने का अधिकार देता है, वैसे आम चुनाव के परिणाम पर एक खास समुदाय के प्रति इस प्रकार के प्रतिक्रिया देना निश्चित ही वे मानसिक रूप से असन्तुलित (दिवालीयापन) है।

समाजसेवी सह अरवल विधान सभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्यासी मोहन कुमार ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को राज्य सरकार के संवैधानिक पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के मुखिया नीतीश कुमार से यह आग्रह करते हैं कि, ऐसे दुर्भावना से ग्रसित व्यक्ति जो सार्वजनिक मंच से एक विशेष समुदाय को अपमानित करने का कार्य कर रहे हैं उन्हें अविलंब बर्खास्त करने का कार्य करना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर हम यह कह सकते हैं कि निश्चित रूप से पूर्व के भांति नीतीश कुमार के समय में बिहार में बदलाव हुआ है, परंतु जिस समता मूलक समाज निर्माण की बात नीतीश कुमार करते हैं। इसका निर्माण ऐसे व्यक्ति के रहते पूरी तरह संभव नहीं हो सकता। क्योंकि यह समाज में जहर घोलने का कार्य कर रहे हैं, इनका वक्तव्य खेदजनक है, सरकार के मुखिया को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।

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