रामबली सिंह चंद्रवंशी की विधान परिषद की सदस्यता समाप्त करने के विरोध में लालू नीतीश का पुतला दहन कर विरोध किया।

 


सीतामढ़ी/7 फरवरी 2024

 राज्य स्तरीय विरोध कार्यक्रम के तहत,अति पिछड़ा आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा सीतामढ़ी के द्वारा जिला मुख्यालय अंबेडकर स्थल डुमरा पर तेली तमोली एवं दांगी को अति पिछड़ा वर्ग से हटाने सहित जननायक के मूल अति पिछड़ा के लूटते अधिकार को बचाने के लिए सशक्त आवाज उठाने पर रामबली सिंह चंद्रवंशी को विधान परिषद की सदस्यता समाप्त करने के विरोध में लालू नीतीश का पुतला जलाकर विरोध किया गया।

  विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए, मोर्चा के जिला संयोजक राजेंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि, लालू नीतीश की यही है ईच्छा, कर्पूरी का मूल अति पिछड़ा मांगे रोड पर भिक्षा। सामाजिक न्याय का नारा लगाने वाले जननायक के चेलों लालू नीतीश एवम सुशील मोदी के आपसी सहमति से  नीतीश तेजस्वी की संयुक्त सरकार ने राजनैतिक महत्वाकांक्षा के तहत मूल अति पिछड़ा को कमजोर करने के लिए अप्रैल 2015  में संपन्न जातियां तेली, तमोली और दांगी को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया । जिसका दुष्परिणाम यह हुआ की 8 वर्षों में अति पिछड़ा के आरक्षित सीटों पर बाद में शामिल जातियों का सभी क्षेत्रों में अधिकांश कब्जा हो गया। जिसके विरोध में मोर्चा के प्रदेश संयोजक प्रो रामबली सिंह चंद्रवंशी, किशोरी दास और हेसामुद्दीन अंसारी ने न्यायालय में मुकदमा दायर किया,जो अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। उक्त मांगों के लिए कर्पूरी ग्राम से 2 अक्टूबर से पदयात्रा शुरु होकर 7 अक्टूबर को मिलर हाई स्कूल पटना में हजारों लोगों की भीड़ के साथ समाप्त हुआ। इससे घबराकर नीतीश जी के दवाब में राजद द्वारा मनगढ़ंत आरोप लगाकर विधान परिषद की सदस्यता समाप्त करने की अनुशंसा पर न्याय नहीं कर अपने आका को खुश करने के लिए सभापति द्वारा सदस्यता समाप्त करने के निर्णय को अलोकतांत्रिक एवम् मूल अति पिछड़ा विरोधी बताया। 

       समाजसेवी राहुल कुमार मंडल ने कहा कि, लालू जी ने अपने बेटे तेजस्वी की ताजपोशी तथा नीतीश जी की सिद्धांतविहीन कुर्सी की राजनीति ने 110 हिंदू एवम् मुस्लिम अति पिछड़ों की लगभग 46% आबादी के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले नेता रामबली बाबू के साथ जो खेला किया है, आगामी चुनाव में यह वर्ग बड़का खेला करने को तैयार है।

  ब्रजेश महतो ने कहा कि, जननायक के मूल अति पिछड़ों का मशाल जल चुका है। इसके साथ खेला करनेवाला खुद जलकर राख हो जायेगा।

    नंद किशोर गुप्ता ने कहा कि, 1985 ई में जननायक कर्पूरी ठाकुर के साथ इन्ही क्षत्रपों ने धोखेबाजी किया था। इससे सबक लेते हुए एकजुट होकर रामबली सिंह के नेतृत्व में राजनैतिक विकल्प मजबूत करने का आह्वान किया।

सादिक शाह  ने केंद्र सरकार से रोहिणी आयोग के अनुशंसा को सार्वजनिक कर राष्ट्रीय स्तर पर ओबीसी का वर्गीकरण कर कर्पूरी फार्मूला लागू करने की मांग की। कबीर आलम ने जननायक के मूल अति पिछड़ा विरोधी पार्टी को सबक सिखाने का आह्वान किया।

  विरोध प्रदर्शन में जगदीश ठाकुर, गौरी शंकर मंडल, शिवनाथ प्रसाद चंद्रवंशी,  इंद्रदेव सहनी,सीताराम ठाकुर ,संजय मंडल , मदन साह ,गंगाराम मंडल, महेश कुमार ,विजय गुप्ता, शंकर साह ,संजय साह, शैलेंद्र महतो, सादिक शाह, सुनील कापर, योगेंद्र मंडल,रघुनाथ मंडल, सुनील मुखिया, धनंजय साहनी, जब्बार अंसारी ,जाकिर राईन , कयूम नट, सोना देवी, पिंकी चंद्रवंशी, फेकन शर्मा, हजरत अली सहित दर्जनों लोग  लोग उपस्थित थे।

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